मृत्युंजय द्विवेदी

"एक जंगल में एक गांव रहता है"

एक जंगल में

एक गांव रहता है

वह गांव शायद अब

सुना रहता है

गांव में एक बुढ़िया

रहती थी

जो अपने गांव

के बीते हुए दिनों की

बात सुनाया करती थी

बहुत दिनों से

गांव की वह बुढ़िया

आई नहीं

जो अपने सर पर टोकरी

लिए शनिचरी के बाजार में

आया करती थी

टोकरी में अपने साथ

तेंदुआ, महुआ के फल

भी लाया करती थी।